Importance of preserving culture Culture is the way of life, especially…

झूठ बातों को बना के सनसनी आराम से
उँगली दिखा के एक, बताता जो ग़ल्तियाँ,
उसकी तरफ भी तीन हुआ करतीं उँगलियाँ।
गोली विटामिनों की उन्हें दे रहे हैं वो,
जिनको न मिल सकीं हैं कभी ढंग से रोटियाँ।
सीधे बुढ़ाते जा रहे, अब होंगे कब जवां,
बच्चे गए जो भूल ये, बचपन की मस्तियाँ।
पीना पड़ा है ज़ह्र जो जीवन में आजतक,
मेरी जुबान में न हों कैसे ये तल्ख़ियाँ।
दुनिया में सच की राह पे जो भी चला कभी,
उस पे तो लोग कसते ही रहते हैं फब्तियाँ।
– वीरेन्द्र कुमार शेखर
This Post Has 0 Comments