इश्क में जब हम ख़ुदी को भूलते हैं…
इश्क में जब हम ख़ुदी को भूलते हैं बन्दगी में, ज़िन्दगी को भूलते हैं क्या भयानक बाढ़ ये लाती रही है शह्र में जब हम नदी को भूलते हैं ये…
इश्क में जब हम ख़ुदी को भूलते हैं बन्दगी में, ज़िन्दगी को भूलते हैं क्या भयानक बाढ़ ये लाती रही है शह्र में जब हम नदी को भूलते हैं ये…
सोचने ही से मुरादें तो नहीं मिल जाती ऐसा होता तो हर एक दिल कि तमन्ना खिलती कोशिशें लाख सही बात नहीं बनती है ऐसा होता तो हर एक राही…
उँगली दिखा के एक, बताता जो ग़ल्तियाँ, उसकी तरफ भी तीन हुआ करतीं उँगलियाँ। गोली विटामिनों की उन्हें दे रहे हैं वो, जिनको न मिल सकीं हैं कभी ढंग से…
उँगली दिखा के एक, बताता जो ग़ल्तियाँ, उसकी तरफ भी तीन हुआ करतीं उँगलियाँ। गोली विटामिनों की उन्हें दे रहे हैं वो, जिनको न मिल सकीं हैं कभी ढंग से…